चंडीगढ़: प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) के संस्थापक और खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 15 अगस्त के समारोह से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को धमकी दी है। आतंकी पन्नू ने कहा कि चूंकि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है, इसलिए सीएम भगवंत मान को आगामी 15 अगस्त को भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर पंजाब में तिरंगा नहीं फहराना चाहिए। पन्नू ने दावा किया कि तिरंगे के नीचे सिखों का नरसंहार किया गया और पंजाब के किसान जुल्म के शिकार हुए। आतंकी पन्नू ने दावा किया कि 15 अगस्त सिख धर्म और पंजाब के लिए आज़ादी का दिन नहीं है।
Hon’ble Vice President @VP Madam @KamalaHarris
— Sukhminderpal Singh Grewal (Bhukhari Kalan, Ldh) (@sukhgrewalbjp) August 3, 2024
A man named Gurpatwant Singh Pannu citizen of your country USA???????? is inciting his acts of disrespect to insult the national flag of our country India????????by sending a video message (His viral video is enclosed).
A few days back you… pic.twitter.com/oy47Jq51uR
रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने आगे कहा कि भगवंत मान जालंधर में तिरंगा फहराने जा रहे हैं और आरोप लगाया कि पंजाब में सिख किसानों की आत्महत्या के लिए उनकी सरकार जिम्मेदार है। गुरपतवंत पन्नू ने ऐलान किया कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने से रोका जाएगा और जो भी ऐसा करने में सफल होगा, उसे प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस की ओर से एक करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा। पन्नु ने ये धमकियां एक वीडियो के जरिए दी है। जिसमे उसने कहा है कि, "सबसे पहले, मैं बांग्लादेश के लोगों और उसके छात्रों की अमेरिका विरोधी सरकार को गिराने के लिए तारीफ करना चाहता हूँ। शेख हसीना भारत की कठपुतली थीं और हैं। उनके शासन को गिराने से भारत के लिए एक संदेश है, नरेंद्र मोदी अगले आप हैं। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने हमेशा शासन बदलने के लिए लोगों की शक्ति का समर्थन किया है। नरेंद्र मोदी, जो रूसी युद्ध को फंड कर रहे हैं, जो फिलिस्तीनियों के नरसंहार के लिए हथियार दे रहे हैं, और जो हमेशा उत्तरी अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के लिए जिम्मेदार हैं। मोदी शासन एबीसी ऑस्ट्रेलिया, बीबीसी यूके, सीबीसी कनाडा और अल जजीरा सहित पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दमन के लिए जिम्मेदार है।"
पन्नू ने आरोप लगाते हुए कहा कि, "मोदी की तानाशाही सरकार को अब उखाड़ फेंकना चाहिए। पंजाब के लोगों, छात्रों और जनरेशन जेड, अब आपका समय है। आपका भविष्य आपके हाथों में है। मोदी सरकार को उखाड़ फेंको और उन्हें लोगों और सिख समुदाय की ताकत दिखा दो। जब आप मोदी सरकार को उखाड़ फेंक रहे हैं, तो सिख फॉर जस्टिस पंजाब को भारतीय कब्जे से मुक्त करने के लिए खालिस्तान जनमत संग्रह का आयोजन कर रहा है और हम भारत को टुकड़ों में बांट देंगे। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने हमेशा लोगों की सत्ता को उखाड़ फेंकने और बदलने की शक्ति का समर्थन किया है। हम भारत को टुकड़े टुकड़े कर देंगे और जनरेशन जेड 15 अगस्त से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। इसे मोदी सरकार का प्रलय दिवस बनाओ। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा हटाओ। हम पंजाब को भारत से आजाद कराकर सिखों की मातृभूमि खालिस्तान बनाएंगे।"
आतंकी पन्नू ने अपने वीडियो में आगे कहा कि, "यह दस्तार और हिंदू टोपी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय लड़ाई है। हिंदुओं ने आप पर नरसंहार किया है और पंजाब को गुलाम बनाया है। आपको सरहदों पर भेजा जाता है, जबकि आपके परिवारों का कत्लेआम किया जा रहा है। अब समय आ गया है कि सिख सैनिक खालिस्तान जनमत संग्रह का हथियार उठाकर इसे अंतर्राष्ट्रीय बना दें। 15 अगस्त को मोदी को रोकें, तिरंगा जलाएं और पंजाब को भारतीय कब्जे से मुक्त कराने के लिए खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करना सुनिश्चित करें। 500,000 डॉलर का इनाम है। हम वैंकूवर, वाशिंगटन डीसी से लेकर मेलबर्न तक दुनिया भर में हर भारतीय दूतावास में तिरंगा जलाने जा रहे हैं। हम भारतीय दूतावासों को निशाना बनाने जा रहे हैं।"
बता दें कि, बांग्लादेश में हुई हिंसा का जश्न, भारत के कुछ इस्लामवादी, वामपंथी तथा विपक्ष के कुछ नेता भी मना रहे हैं, वहीं आतंकी भी इस चीज़ से खुश हैं, क्योंकि ये भारत के लिए बुरा है। शेख हसीना भारत के साथ मित्रवत व्यव्हार करती थीं, लेकिन अब बांग्लादेश में तेजी से आतंकवाद पनपने का खतरा बढ़ गया है, जो भारत के लिए चिंता की बात है। अब बांग्लादेश की अगली सरकार पर जमात ए इस्लामी का नियंत्रण है, जो एक कट्टरपंथी संगठन है। शेख हसीना के हटते ही बांग्लादेश में हिन्दुओं का नरसंहार शुरू हो चुका है। ऐसे में ये तो स्पष्ट है कि, बांग्लादेश में जो भी हुआ, वो भारत के लिए बुरा ही है, उसकी ख़ुशी कोई भी देशभक्त नहीं मना सकता।
जहाँ तक बात तानाशाही की है, तो जनवरी 2024 में इसी जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ शेख हसीना को सत्ता सौंपी थी, आंदोलन तो उस समय भी हो सकता था। अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ कितने लोग सड़कों पर उतरे ? चीन में तोपों से मस्जिदें गिरा रहे शी जिनपिंग के खिलाफ किसने अनोलन किया ? उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का विरोध उसके देश में कौन करता है ? तानाशाह का विरोध करना इतना आसान नहीं होता, जितना नैरेटिव शेख हसीना को लेकर फैलाया जा रहा है। अगर शेख हसीना को तानाशाह मान भी लें, तो उनके हटने के बाद भी हिंसा शांत क्यों नहीं हुई ? मुजीब उर रहमान की मूर्तियां क्यों तोड़ी जा रहीं हैं ? उन्होंने तो बंगालियों को अलग देश बनाकर दिया था, और देश बनने के 4 साल बाद ही 16 परिजनों समेत उनकी हत्या कर दी गई। असल में बांग्लादेशी अब खुद अपनी ही विरासत मिटा रहे हैं और पाकिस्तान के कट्टरपंथ वाले रास्ते पर चल पड़े हैं, जो लोग इसे मात्र छात्रों का सरकार विरोधी प्रदर्शन समझ रहे हैं, वे भारी भूल कर रहे हैं।
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