शिक्षा के क्षेत्र में भारत चीन से पिछड़ा

शिक्षा के क्षेत्र में भारत चीन से पिछड़ा
Share:

नई दिल्ली : यह अफसोसजनक बात है कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत की स्थिति अच्छी नहीं है.विश्व के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में देश के सिर्फ दो संस्थानों आईआईटी दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय को ही जगह मिल पाई है.इस मामले में भारत चीन से भी पीछे है.उद्योग संगठन एसोचैम और यस इंस्टीट्यूट के साझा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है.

उल्लेखनीय है कि एसोचैम और यस इंस्टीट्यूट के साझा अध्ययन के अनुसार 16 प्रतिशत भारतीय कंपनियां संस्थान के भीतर ही प्रशिक्षण देती हैं, जबकि चीन में यह 80 प्रतिशत है. दुःख की बात यह है कि भारतीय स्नातक के बेहद छोटे हिस्से को रोजगार के लायक माना जाता है.राष्ट्रीय रोजगार रिपोर्ट 2013 में साइंस-कॉमर्स समेत सभी शैक्षणिक वर्गो में रोजगार की योग्यता 25 फीसद से भी कम पाई गई. यह स्थिति अच्छी नहीं है.

दरअसल इसका कारण भारतीय उच्च शिक्षा जगत रोजगार की कमी, शोध की कमी , खोज एवं उद्यमिता की सीमित संभावनाओं जैसी समस्याओं से लड़ना है.इस स्थिति से उबरने के लिए उच्च शिक्षा प्रणाली को उभरती आर्थिक वास्तविकताओं तथा उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के साथ ही सुसंगठित एवं भविष्य आधारित शैक्षणिक रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है. तभी भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में अपना स्थान बना सकता है, अन्यथा शिक्षा के क्षेत्र में भारत विश्व के अन्य देशों से पीछे ही रहेगा.

यह भी देखें

फेंगशुई का यह उपाय, जो बच्चे को पढ़ाई में बनाता है होशियार

यहां निकली ग्रेजुएट के लिए वैकेंसी, 55 हजार रु होगा वेतन

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -