नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान के दोस्ताना रिश्तों से भारतीय सीमा पर पहले से ही संकट मंडरा रहा था लेकिन अब भारत के पड़ोसी देश नेपाल के साथ चीन के बढ़ते संबंधों ने भारत की समस्या और बढ़ा दी है. नेपाल की चीन से बढ़ती नजदीकियों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री ओपी शर्मा ओली की यात्रा को लेकर भारत काफी सतर्क है. चीन के अलावा सार्क सम्मेलन पर नेपाल द्वारा मालदीव और श्रीलंका के साथ नया रुख अपनाने के संकेत से भी भारत चिंतित है.
इस बार समस्या सार्क सम्मेलन को लेकर नेपाल की पाकिस्तान से नजदीकी है, नेपाल की नई सरकार मालदीव और श्रीलंका की तर्ज पर पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन बुलाए जाने का इच्छुक है. इसके अलावा मालदीव में आपातकाल सहित अन्य राजनीतिक घटनाक्रम पर भी नेपाल का रुख पहले की तरह भारत के प्रति सकारात्मक नहीं है. गौरतलब है कि ओली दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भारत आ रहे हैं.
सरकारी सूत्रों का कहना है कि अगर नेपाली पीएम ने सार्क सम्मेलन पाकिस्तान में कराए जाने का प्रस्ताव रखा, तो भारत की ओर से सख्त प्रतिक्रिया झेलनी होगी. निश्चित रूप से संविधान के सवाल पर पहले से उलझे कूटनीतिक रिश्ते और उलझेंगे. उरी आतंकी हमले के बाद भारत के विरोध के चलते इस्लामाबाद का 2016 का सार्क सम्मेलन रद्द होने के बाद अब श्रीलंका, मालदीव और नेपाल वहीं सम्मेलन कराना चाहते हैं.
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