नई दिल्ली. भले ही भारत में साइबर एक्सपर्ट्स रैनसमवेयर के हमले से देश को सुरक्षित बता रहे हों लेकिन सच यह है कि भारत के 40,000 से ज्यादा कंप्यूटर्स इस वायरस से प्रभावित हैं. हाल ही में रैनसमवेयर अटैक से जुड़ी एक और जानकारी सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि इंडिया को निशाना बनाया जा सकता है.
आपको बता दें कि भारत उन टॉप 7 देशों में शामिल है, जहां रैनसमवेयर का खतरा सबसे ज्यादा है. इन सात रैनसमवेयर अटैक के हाई रिस्क वाले देशों में इंडिया तीसरे नंबर पर आता है. साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर्स पर इस वायरस ने अटैक किया है जिसके बाद दुनियाभर के कॉरपोरेट जगत का कामकाज पहले जैसा ही शुरु हो गया है.
2018 मालवेयर फोरकास्ट' नामक एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कंपनी ने बताया कि इस साल दुनिया भर में विंडोज, एंड्रॉयड, लिनक्स और मैकओएस सिस्टम पर साइबर हमलों बढ़े हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि दो तरह के एंड्रॉयड हमले का खतरा बढ़ रहा है- बिना एनक्रिप्टिंग डेटा के फोन लॉक करना और डेटा के एनक्रिप्टिंग के दौरान फोन को लॉक करना.
WannaCry रैनसमवेयर की वजह से ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाएं और फ्रांस की कार कंपनी रेनॉ का कामकाज प्रभावित हुआ है. वहीं, भारत में कंपनियों का कामकाज पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भविष्य के लिए सिस्टम्स सेफ हैं.
सोफोसलैब्स के सिक्योरिटी रिसर्च डोरका पालोटे ने शनिवार 4 नवंबर को एक बयान में कहा, रैनसमवेयर ज्यादातर विंडोज कंप्यूटर को निशाना बनाता है, लेकिन इस साल सोफोसलैब्स ने दुनियाभर के हमारे ग्राहकों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अलग-अलग डिवाइसों और ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर इनके हमले में बढ़ोतरी को देखा है.
किन्नर की पर्सनल वीडियो बनाना पड़ोसी को पड़ा महंगा