नई दिल्ली: नक्शा विवाद के बीच भारत और नेपाल के बीच आज महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. वैसे तो यह बैठक रूटीन बातचीत का हिस्सा है, किन्तु भारत इसमें नेपाल को कड़ा संदेश भी दे सकता है. भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी इस द्विपक्षीय वार्ता में मौजूद हैं.
दरअसल, नेपाल ने मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था. इसमें भारत के लिपुलेख, कालापानी, लिम्पियाधुरा इलाके को नेपाल कि सीमा में दर्शाया गया है. इस पर बवाल मचने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली मुख्य वार्ता है. जानकारी मिली है कि नेपाल में जारी विभिन्न प्रॉजेक्ट्स की उन्नति पर होनेवाली यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो रही है. वहीं, कुर्सी बचाने के लिए चीनी राजदूत की शह पर एक के बाद एक भारत विरोधी कदम उठाने वाले नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के रवैए में नरमी नज़र आ रही है.
केपी ओली ने 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) पर पीएम मोदी को कॉल किया था. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि अब नेपाल के तेवर थोड़े न नरम पड़ गए हैं और वह समझ गया है कि भारत से संबंध बिगाड़कर उसका लाभ नहीं होगा. किन्तु यहां यह भी हो सकता है कि नेपाल भारत की आंखों पर दोस्ती की पट्टी बांधकर चीन के साथ विभिन्न परियोजनाओं पर काम जारी रखे.
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