नई दिल्लीः भारत कोयला आयात के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। भारत 2025 तक यह मुकाम पा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2028 के बीच भारत में कोयले की खपत सालाना आधार पर 5.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी। इसका कारण देश में इस्पात उत्पादन में एक समान रूप से मजबूत विस्तार होना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘2017 में चीन के मुकाबले भारत का कोयला आयात आधा रहा। इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि भारत 2025 तक दुनिया के सबसे बड़े कोयला आयातक के रूप में चीन को पीछे छोड़ देगा।
हालांकि, समग्र बाजार हिस्सेदारी के मामले में चीन शीर्ष पर बना रहेगा, जबकि आयात के मामले में भारत की महत्ता तेजी से बढ़ रही है। संकेतक बताते हैं कि भारत ऑस्ट्रेलियाई कोयले का सबसे बड़ा आयातक है। 2019 की दूसरी तिमाही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से सालाना आधार पर 25.8 फीसदी अधिक कोयले का आयात किया।
इस अवधि में चीन के आयात में 8.8 फीसदी की गिरावट रही। इसके बावजूद वह दूसरा सबसे बड़ा आयातक रहा। चीनी अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण वहां उत्पादन की गतिविधियों में कमी आ रही है। इसलिए वहां कोयले के खपत में कमी आ रही है। न आने वाले वर्षों में वैश्विक कोयला उत्पादन और खपत का लगभग दो-तिहाई हिस्सा जारी रखेगा। सरकार ने हाल ही में कोयला खनन में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी है।
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