दिल्ली: भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच मनमुटाव को लेकर भारत में चीन के राजदूत लु झाओहुई ने भारत-चीन के रिश्तों पर आयोजित एक सेमिनार में कहा, 'कुछ भारतीय मित्रों ने सुझाव दिया है कि भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच SCO से इतर एक त्रिपक्षीय सम्मेलन होना चाहिए... यह एक सकारात्मक विचार है.' आपको बता दें कि सेमिनार का विषय 'वुहान से आगे: कितनी तेजी से भारत-चीन संबंध आगे बढ़ सकते हैं' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान शहर में अप्रैल में हुई मुलाकात पर आधारित था.
लु ने कहा कि चीन, रूस और मंगोलिया के बीच ऐसी ही समिट हुई थी, मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि भारत, पाकिस्तान और चीन में ऐसा न हो सके उन्होंने आगे कहा कि सीमाओं पर शांति सभी देशों के हित में है. भारत-चीन-भूटान ट्राइजंक्शन पर पिछले साल 73 दिनों तक चले गतिरोध के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'हम एक और डोकलाम की घटना नहीं दोहरा सकते हैं. ऐसे में सीमा पर शांति कायम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए.' लु ने ट्वीट किया कि ऐसे विवादों पर एक पारस्परिक स्वीकार्य समाधान की जरूरत है.
चीनी राजदूत ने ट्वीट किया, 'हमें सहयोग बढ़ाकर मतभेदों को नियंत्रित और कम करने की जरूरत है. इतिहास के साथ ही सीमा का सवाल पीछे छूट चुका है. हमें विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों के जरिए विश्वास बहाली के उपाय करने की जरूरत है, जिससे सभी को स्वीकार होने वाले समाधान निकाले जा सकें.' लु ने आगे भारत-चीन सहयोग के भविष्य पर अपना 4 पॉइंट विजन सामने रखा. उन्होंने बताया, 'मित्रता और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर हो, द्विपक्षीय फ्री ट्रेड अग्रीमेंट हो, कनेक्टिविटी बढ़े और सीमा से जुड़े मसलों के जल्दी समाधान खोजे जाएं.'
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