इस्लामबाद: हाल ही में ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम में पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिए गए बयान की भारत ने निंदा की है. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा कि हम पाक पीएम द्वारा की गई स्पष्ट और असहमतिपूर्ण टिप्पणियों को इंकार कर दिया है. राजीव चंदर ने कहा, पाकिस्तान मानवाधिकारों का स्वघोषित चैंपियन है जिसने 1947 से अब तक अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या को 23 फीसदी से तीन फीसदी कर दिया है. पाकिस्तान ने दंडात्मक ईश निंदा कानूनों, उत्पीड़न, जबरन धर्म परिवर्तन से ऐसा किया है.
वहीं इस बात का पता चला है कि भारत के नागरिकों को अपनी ओर से बोलने के लिए किसी और की आवश्यकता नहीं है, कम से कम उन सभी लोगों की तो नहीं जिन्होंने नफरत की विचारधारा के आधार पर आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है. अगर इमरान खान अपने लोगों और देश के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो यह उनके देश के लिए अच्छा होगा.
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि स्विटजरलैंड के जेनेवा में आयोजित 'ग्लोबल फॉरम ऑफ रेफ्यूजी' में बोलते हुए पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने कहा था कि वर्तमान में भारत में एक नागरिकता कानून को लागू किया गया है, जिसकी वजह से भारत के लाखों मुसलमान को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा, इससे एक ऐसा शरणार्थी संकट पैदा होगा, जिसके आगे दुनिया के अन्य संकट छोटे लगेंगे. उन्होंने कहा कि इस शरणार्थी संकट की वजह से दक्षिण एशिया के दो परमाणु संपन्न देशों के बीच विवाद भी हो सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर दूसरे देशों से आग्रह करते हुए इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान विवादित कश्मीर में भारत द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के मद्देनजर भारत से आने वाले अधिक शरणार्थियों को स्थान नहीं देगा.
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