ब्रुसेल्स: अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत के बढ़ते प्रभाव का असर यूरोपीय संसद में नज़र आने लगे है. वहीं भारत के भारी विरोध और उसके मित्रों के दबाव के चलते नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ यूरोपीय संसद (ईपी) में पेश पांच विभिन्न संकल्पों से संबंधित संयुक्त प्रस्ताव पर मतदान मार्च तक टल गया है. वहीं यह भी कहा जा रहा है पहले प्रस्ताव पर बुधवार को बहस के बाद गुरुवार को मतदान होना था. पाकिस्तान ने अपने कुछ यूरोपीय मित्र देशों की मदद से प्रस्ताव पर मतदान कराने की कोशिश की थी, लेकिन उसे यहां भी मुंह की खानी पड़ी है.
शफाक मोहम्मद ने की भारत विरोधी प्रस्ताव को पारित कराने की कोशिश: वहीं भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि यूरोपीय संसद में भारत के मित्र पाकिस्तान के मित्रों पर भारी पड़े. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले पर बुधवार को ही मुहर लगाई. वहीं लेकिन यूरोपीय संसद से जाते-जाते ब्रिटेन के सदस्य और पाकिस्तान के मित्र शफाक मोहम्मद ने भारत विरोधी प्रस्ताव को पारित कराने की भरपूर कोशिश की. सूत्रों ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि यूरोपीय संसद के निष्पक्ष सदस्यों उसके पक्ष को समझेंगे.
प्रस्ताव पर मतदान को मार्च तक टाल दिया गया: वहीं यूरोपीय संसद की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'ब्रुसेल्स में आज का सत्र शुरू होने पर यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) द्वारा लिए गए फैसले के बाद सीएए पर पेश प्रस्ताव पर मतदान को मार्च तक टाल दिया गया है.' हालांकि, मतदान टलने के कारणों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
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