वाशिंगटन: वर्ल्ड बैंक के सालाना मानव पूंजी सूचकांक के नवीनतम संस्करण में भारत को 116वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह सूचकांक देशों में मानव पूंजी के प्रमुख घटकों का आंकलन करता है। वर्ल्ड बैंक द्वारा बुधवार को जारी की गई मानव पूंजी सूचकांक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का स्कोर 2018 में 0.44 से बढ़कर 2020 में 0.49 हो गया है।
मानव पूंजी सूचकांक 2020 में 174 देशों के स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े आंकड़ों को शामिल किया गया था। ये आंकड़े मार्च 2020 तक के हैं, जिसके बाद विश्वभर में कोरोना वायरस महामारी का कहर तेजी से बढ़ा है। विश्लेषण से पता चलता है कि महामारी से पहले ज्यादातर देशों ने बच्चों की मानव पूंजी के निर्माण में लगातार उन्नति की और खासतौर से निम्न आमदनी वाले देशों में ऐसा देखने को मिला। हालांकि, इस प्रगति के बाद भी एक औसत देश में शिक्षा और स्वास्थ्य मानकों के संबंध में कोई बच्चा अपनी संभावित मानव विकास क्षमता का सिर्फ 56 फीसद ही प्राप्त करने की उम्मीद कर सकता है।
वर्ल्ड बैंक के समूह अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि मानव पूंजी के निर्माण में दशक की प्रगति को कोरोना वायरस ने खतरे में डाल दिया है, जिसमें स्वास्थ्य, जीवन प्रत्याशा, स्कूल में नामांकन और कुपोषण में कमी शामिल है। महामारी का आर्थिक प्रकोप खास तौर पर महिलाओं और सबसे वंचित परिवारों पर काफी अधिक रहा है, जिसके कारण कई परिवार खाद्य असुरक्षा और गरीबी के शिकार हो गए हैं।
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