ब्यास नदी और हिमालय पर्वत के बीच स्थित है हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल कुल्लू। आप यहाँ जाकर स्विट्जरलैंड जैसा महसूस कर सकते हैं। जी दरअसल कुल्लू बर्फ से ढके पहाड़ों, पाइन और देवदार के जंगलों, सुंदर नदियों के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि कुल्लू में हिंदुओं, सिखों और बौद्धों के कई तीर्थ स्थल है जो इसको बेहद खास बनाते हैं। इसी के साथ कुल्लू जिले की सैंज घाटी में शांघड़ बेहद ही शानदार जगह है। जी दरअसल यहां की खूबसूरती को निहारने के लिए हर साल देश और विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटन पहुंचते हैं।
आपको यह भी बता दें कि लगभग 228 बीघा में फैले शांघड़ मैदान को कुल्लू जिले का खज्जियार या भारत का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। जी दरअसल ये जगह सुन्दरता के मामले खज्जियार जैसे मशहूर पर्यटन से कम नहीं है। करीब 228 बीघा में फैले शांघड़ मैदान एक भी कंकड़-पत्थर नहीं है और मैदान में सिर्फ हरियाली ही हरियाली है। अगर आप शांघड़ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इन जगहों को देखना बिल्कुल न भूलें। आप सभी को बता दें कि शांघड़ के मैदान में आपको वो कुछ मिल जाएगा, जिनकी आप एक प्राकृतिक जगह पर देखने की इच्छा जाहिर करते हैं, यहां के हरे-भरे, शांत और खूबसूरत नजारे! यहां आप चारों ओर से अद्भुत चीड़ के पेड़ों और रंग-बिरंगे छोटे-छोटे घरों के बीच जाकर इस जगह को यादगार बना सकते हैं। यहाँ सूर्यास्त के समय घास के मैदान बेहद ही शानदार लगते हैं।
इसके अलावा शांघड़ से आधे घंटे की दूरी पर खूबसूरत बरशानगढ़ झरना है। जी हाँ और इस दूधिया सफेद झरने को देखने के लिए आप सुबह जल्दी उठकर ड्राइव करते हुए आराम से पहुंच सकते हैं। वैसे शांगढ़ अपने मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ मंदिरों की वास्तुकला देखने लायक है और शांघड़ को प्रकृति ने जितना संवारा है, उतनी ही अनूठी यहां की परंपरा भी है। शांघड़ मैदान को शंगचूल महादेव का आवास स्थल भी माना जाता है। यहाँ मैदान में किसी तरह की अपवित्रता न फैले, इसके लिए शंगचुल महादेव मंदिर कमेटी ने कायदे-कानून भी बनाए हैं। अगर आपको घूमने का शौक है तो यहाँ जरूर जाएं।
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