नई दिल्ली: इजरायल को भारतीय कंपनियों द्वारा हथियार और सैन्य उपकरण आपूर्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में प्रशांत भूषण, हर्ष मांदर, ज्यां द्रेज और अन्य 11 याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार से उन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है, जो इजरायल को सैन्य उपकरण भेज रही हैं।
याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि भारतीय कंपनियां इजरायल को हथियार प्रदान कर रही हैं, जो गाजा में चल रहे युद्ध में उपयोग हो रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने केंद्र से अनुरोध किया है कि इन कंपनियों के लाइसेंस को तत्काल रद्द कर दिया जाए और भविष्य में इन्हें नए लाइसेंस न दिए जाएं। इसमें केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को भी पार्टी बनाया गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों के तहत बंधा हुआ है, जो उसे युद्ध अपराधों के दोषी देशों को हथियार आपूर्ति से रोकते हैं। इसलिए, किसी भी निर्यात का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन के लिए किया जा सकता है।
इजराइल को समर्थन अगर बीजेपी की पॉलिसी है तो फिलीस्तीन को समर्थन कांग्रेस और वामपंथियों की पॉलिसी है।
— P.N.Rai (@PNRai1) November 14, 2023
कांग्रेस और वामपंथी नेता सिर्फ एक वाकया बताएं जब मुसीबत के समय फिलीस्तीन के नेता भारत के साथ खड़े हुए हों?
क्या कश्मीर मुद्दे पर फिलीस्तीन समेत किसी इसलामिक देश ने भारत का… pic.twitter.com/K5XNqDbtsk
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि इजरायल ने कई अहम मौकों पर भारत की मदद की है। इजरायल ने न केवल तकनीकी और सैन्य सहायता प्रदान की है, बल्कि कई संकट के समय भारत के साथ खड़ा रहा है, फिर चाहे वो पाकिस्तान के साथ युद्ध हो या चीन के साथ युद्ध, इजराइल ने हमेशा भारत का साथ दिया है। इसके विपरीत, फिलिस्तीन ने कश्मीर मामले में पाकिस्तान का समर्थन किया है और कई मुस्लिम देशों द्वारा फिलिस्तीनी आतंकी संगठनों को समर्थन प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, यह भी महत्वपूर्ण है कि इजरायल को हथियार भारतीय कंपनियां बेच रही हैं, न कि भारत सरकार। कंपनियां अपने व्यावसायिक लाभ के लिए इन उत्पादों की बिक्री कर रही हैं, और यदि इस बिक्री पर रोक लगाई जाती है, तो कंपनियों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा। क्या प्रशांत भूषण, ज्यां द्रेज या अन्य याचिकाकर्ता इस नुकसान की भरपाई करेंगे?
वहीं, फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास को तुर्की, इराक, ईरान, और कतर जैसे मुस्लिम देशों से भी समर्थन प्राप्त है। इस संदर्भ में, कांग्रेस और उसके समर्थकों का इजरायल के खिलाफ विरोध हमेशा से रहा है,प्रशांत भूषण, ज्यां द्रेज़ किस तरह से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है। परंतु, यह सवाल भी उठता है कि यदि पाकिस्तान के आतंकी भारत में घुसकर मारकाट मचाएं और नागरिकों का अपहरण करें, तो क्या भारत पलटवार नहीं करेगा? क्या भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए लड़ाई नहीं लड़नी चाहिए? इजरायल भी अपनी सुरक्षा के लिए वही कर रहा है। हालाँकि, भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहा है कि वह शांति का पक्षधर है और युद्ध के बजाय बातचीत के माध्यम से समाधान की ओर अग्रसर होना चाहती है। लेकिन, बातचीत की संभावना तभी है जब हमास बंधकों को छोड़े, जिनमें से कई की हत्या हो चुकी है।
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