नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन पर हमला बोलते कहा कि उसने हमेशा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का सम्मान करते हुए अपने विकास साझेदारी प्रयासों के साथ वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने कि कोशिश है और यह सुनिश्चित किया है कि भारत की मदद किसी को ”कर्जदार” नहीं बनाती.
मौजूदा अध्यक्ष मेक्सिको के नेतृत्व में सुरक्षा परिषद में 'अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का पालन: बहिष्करण, असमानता और संघर्ष” विषय पर आयोजित खुली बहस के दौरान विदेश राज्य मंत्री डॉ राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि चाहे वह ”नेबरहुड फर्स्ट” नीति के तहत भारत के पड़ोसियों के साथ हो या अफ्रीकी भागीदारों के या अन्य विकासशील देशों के साथ, ”भारत उन्हें बेहतर और सशक्त बनाने में सहायता करने के लिए मजबूत समर्थन का स्रोत बना हुआ है और आगे भी बना रहेगा.' सिंह ने आगे कहा कि, 'भारत ने हमेशा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का सम्मान करते हुए विकास साझेदारी के प्रयासों के साथ वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने कि कोशिश है और यह सुनिश्चित किया है कि हमारी मदद, सदैव मांग-संचालित बनी रहे, रोजगार सृजन एवं क्षमता निर्माण में योगदान करे और किसी को कर्जदार बनाने जैसी स्थिति उत्पन्न न करे.'
इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता में निरंतर जारी बहिष्करण और असमानता के समाधान की जरूरत पर भी जोर दिया और सवाल किया कि विकासशील दुनिया की ”अर्थपूर्ण आवाज” को कब तक नजरअंदाज किया जाएगा. इसके साथ ही भारत ने रेखांकित किया कि शांति एवं सुरक्षा बरकरार रखने के लिए वैश्विक ढांचे में सुधार किए जाने की आवश्यकता है.
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