नई दिल्ली: जोहानसबर्ग में खेले जा रहे टेस्ट मुकाबले के पहले दिन फैंस को टीम इंडिया के बल्लेबाजों से अच्छे प्रदर्शन की आस थी. किन्तु भारतीय धुरंधर उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके और पूरी टीम 202 रनों पर सिमट गई. अब वांडरर्स मैदान पर दूसरे दिन भारतीय टीम की नजरें वापसी करने पर होंगी. इस मिशन के लिए टीम इंडिया जनवरी 2018 में इसी मैदान पर खेले गए टेस्ट मुकाबले से प्रेरणा ले सकती है. उस मैच में भारत ने शानदार वापसी करते हुए साउथ अफ्रीका को 63 रनों से शिकस्त दी थी.
उस मैच में विराट कोहली की कप्तानी वाली भारत ने पहली पारी में 187 रन बनाए थे. किन्तु भारतीय टीम के गेंदबाजों ने वापसी करते हुए साउथ अफ्रीका की पहली पारी 194 रनों पर रोक दी थी और अफ्रीकी टीम को 7 रनोंं की मामूली बढ़त मिली थी. इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में अपने प्रदर्शन में थोड़ा सुधार लाते हुए 247 रन का स्कोर खड़ा किया था, जिसके चलते साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 241 रनों का टार्गेट मिला. अब एक बार फिर से दारोमदार टीम इंडिया गेंदबाजों पर था और वह इसमें पूरी तरह खरे भी उतरे. ईशांत, बुमराह, भुवनेश्वर और मोहम्मद शमी की चौकड़ी ने मिलकर साउथ अफ्रीकी टीम को 177 रनों पर ही समेट दिया.
उस मैच में जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट झटके थे, वहीं दूसरी पारी में मोहम्मद शमी ने 5 विकेट अपने नाम किए. इस मैच की खास बात यह थी कि पिच तेज गेंदबाजों के लिए कुछ ज्यादा ही सहायक थी. जिसका नतीजा यह हुआ कि, मुकाबले में सभी 40 विकेट तेज गेंदबाजों ने झटके. टीम इंडिया जोहानसबर्ग मुकाबले को जीतकर तीन मैचों की श्रृंखला में क्लीन स्वीप होने से बच गई थी. जोहानसबर्ग टेस्ट मुकाबला जीतने से भारत को जबरदस्त आत्मविश्वास मिला था. जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत ने इसके बाद आयोजित ODI एवं टी20 श्रृंखला में साउथ अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया. छह मैचों की ODI श्रृंखला में भारत को 5-1 से जीत मिली, वहीं टी20 सीरीज को टीम इंडिया ने 2-1 से जीता था.
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