वाशिंगटन: भारत ने संयुक्त राष्ट्र की खराब आर्थिक स्थिति को वास्तविकता बताते हुए इसे सही करने के लिए विस्तृत समाधान निकालने की मांग की है. विभिन्न शांति अभियानों के बदले में संयुक्त राष्ट्र पर भारत का 3.80 करोड़ डॉलर बाकी है. यह संयुक्त राष्ट्र के ऊपर किसी भी देश के सबसे ज्यादा बकायों में से एक है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक स्थिति बेहतर करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट में अप्रैल में इस बात को स्वीकार भी किया था. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत के उप स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक हालात बेहतर करने को लेकर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के एक सत्र में कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान का वित्त वर्ष 30 जून को संपन्न होने वाला है. संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को शांति अभियानों के बजट के लिये 1.9 अरब डॉलर और नियमित बजट के लिये 1.5 अरब डॉलर देना बाकि है.
उन्होंने कहा है कि भारत सहित कई अन्य देश जो शांति अभियानों के लिए सर्वाधिक जवान दे रहे हैं, समाप्त हो चुके शांति अभियानों के बदले में काफी समय से अपने वैध बकाये के भुगतान की मांग कर रहे हैं. नायडू ने कहा है कि, ‘‘हमारी अपेक्षा यह है कि समस्या पर चर्चा की जाए और इसे विस्तृत तरीके से दूर किया जाये.’’
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