नई दिल्ली: वैश्विक निवेश बैंक और दुनियाभर के देशों के विकास का आंकलन करने वाली अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय कंपनी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने भारत को लेकर बड़ा अनुमान जताया है। Morgan Stanley ने कहा है कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना भारत के बुनियादी ढांचे के विकास और राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को एक नई रफ़्तार देने में सफल रही है, जिससे आर्थिक विकास को जबरदस्त बढ़ावा मिला है।
Morgan Stanley की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले दशक में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूती से बढ़ाया है, जिसमें अधिक निवेश भी शामिल है, जो बेहतर लक्षित और संभावित रूप से अधिक उत्पादक है। वित्तीय कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा है कि, "हमें उम्मीद है कि भारत का बुनियादी ढांचा निवेश वित्त वर्ष 2024 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.3 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2029 तक सकल घरेलू उत्पाद का 6.5 प्रतिशत हो जाएगा। वास्तव में, इसका मतलब है कि बुनियादी ढांचे के निवेश में 15.3 प्रतिशत की मजबूत CAGR दर्ज होने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप अगले पांच वर्षों में 1.45 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का संचयी खर्च होगा। हमारे विचार में इससे निवेश दर को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे उच्च उत्पादक विकास लगातार होगा।"
दिलचस्प बात यह है कि Morgan Stanley की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि "लोकप्रिय धारणा के विपरीत, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अंतर के संदर्भ में देखा जाए, तो भारत का भौतिक बुनियादी ढांचा चीन के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।" रिपोर्ट में विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स इंडेक्स रिपोर्ट, 2023 का हवाला दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि भारतीय बंदरगाहों पर कंटेनर का औसत ठहराव समय तीन दिन था, जबकि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में यह चार दिन, अमेरिका में सात दिन और जर्मनी में 10 दिन था।
भारतीय बंदरगाहों का "टर्नअराउंड समय" 0.9 दिन तक पहुंच गया है, जो कि अमेरिका (1.5 दिन), ऑस्ट्रेलिया (1.7 दिन), सिंगापुर (1.0 दिन) आदि से बेहतर है। F24 में, बंदरगाहों की समग्र कार्गो वृद्धि 7 प्रतिशत थी, जिसमें 53 प्रतिशत कार्गो का संचालन प्रमुख बंदरगाहों (सरकारी स्वामित्व वाले) द्वारा किया गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉन्च किया था। यह रेलवे और राजमार्गों सहित 16 मंत्रालयों को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाता है। इसे सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद बुनियादी ढांचे के साथ आर्थिक विकास और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के रूप में माना जाता है, जो अर्थव्यवस्था को एक साथ आगे बढ़ाने के लिए "7 इंजन" का गठन करता है।
Morgan Stanley की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम गति शक्ति के तहत की गई पहलों के शानदार नतीजे सामने आ रहे हैं। पीएम गति शक्ति योजना के तहत अब तक बंदरगाहों और शिपिंग क्षेत्रों में कार्यान्वयन के लिए 60,900 करोड़ रुपए की कुल 101 परियोजनाओं की पहचान की गई है। अप्रैल 2023 तक, 8,900 करोड़ की लागत की 26 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 15,340 करोड़ की लागत की 42 परियोजनाएं विकासाधीन हैं, और 36,640 करोड़ की लागत की 33 परियोजनाएं शुरू होने वाली हैं।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MOPSW) भी राजमार्ग और रेलवे मंत्रालयों के समन्वय से एक व्यापक बंदरगाह संपर्क योजना का क्रियान्वयन कर रहा है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि सागरमाला कार्यक्रम के तहत 1.12 लाख करोड़ रुपये की 220 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 2.21 लाख करोड़ रुपये की 231 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं, जबकि 2.07 लाख करोड़ रुपये की 351 परियोजनाएं मूल्यांकन के चरण में हैं। इसी प्रकार, राष्ट्रीय जलमार्गों को भी माल और यात्रियों दोनों के लिए परिवहन के अधिक कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन के रूप में विकसित किया जा रहा है।