दुखों के पहाड़ को कम करने वाले संकटमोचन हनुमान जी को एक बाल ब्रह्मचारी के रूप में जानते हैं। आज के वक्त में भी बहुत से भक्तजन यही जानते है कि उनका विवाह नहीं हुआ था। शास्त्र में भी यही पढ़ा है कि वह कुंवारे थे। इतना ही नहीं उनके मंदिर में महिलाओं के जाने पर पहले के समय में रोक भी थी। लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर हनुमान जी के विवाह की कथाएं प्रचलित है। जहां पर हनुमान जी की पूजा उनकी पत्नी के साथ की जाती है।
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आप जानकर चौंक गए होंगे कि ऐसा कहां होता है ? तो आपको बता दें कि तेलंगाना के खम्मम जिले में हनुमान जी और उनकी पत्नी की पूजा की जाती है। हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला का बहुत पुराना मंदिर है। हर साल ज्येष्ठ शुद्ध दशमी को हनुमान जी के विवाह को पूरा गांव बड़ी धूम धाम से मनाता हैं। इस गांव में हनुमान जी की उनकी पत्नी के साथ पूजा की जाती हैं।
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इस मंदिर की ऐसी मान्यता है यहां पर जिन भी पति - पत्नी के सबंध में मुश्किले आती हैं या उनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं होता है ऐसे में इस मंदिर में दर्शन करने के बाद सारी परेशानियां दूर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की पत्नी सुवर्चला गर्भ से नहीं जन्मी थी वह बिना योनी के पैदा हुई है। ऐसे में सुवर्चला से शादी करने के बाद भी उनके ब्रह्मचर्य जीवन में कोई परेशानी नहीं आई।
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