नई दिल्ली: ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के रिलीज के बाद एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों के वीभत्स नरसंहार को लेकर जगह-जगह चर्चा शुरू हो गई हैं। इसी बीच वो नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनके हाथ कश्मीरी पंडितों के खून से रंगे हुए हैं। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का यासीन मलिक, उन्ही हत्यारों में से एक है, जिसने ऑन टीवी कश्मीरी पंडित की हत्या की बात कबूली थी, मगर फिर भी इंडिया टुडे ने वर्ष 2008 के कॉन्क्लेव में उसे यूथ आइकन बनाकर पेश किया था।
गौर करने वाली बात ये है कि तमाम तरह के विवादों के बाद भी इंडिया टुडे के कॉन्कलेव में यासीन मलिक को आमंत्रित किया गया और उसका परिचय देते हुए आनंद महिंद्रा ने उसके कुकर्मों को जस्टिफाई करने की कोशिश की थी। महिंद्रा ने यासीन को लेकर उस कॉन्क्लेव में कहा था कि, 'यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष है। ये दल सेकुलर और अलगाववादी है, जो भारत और पाकिस्तान दोनों से जम्मू-कश्मीर की आजादी की बात करता है। मलिक JKLF से एक आतंकी के तौर पर अस्तित्व में आया था और पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण के लिए भी गया था। बाद में उसने आत्मसमर्पण कर दिया और इसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में तब्दील कर दिया। JKLF शुरूआत में एक आतंकी संगठन था, किन्तु 1995 के बाद इन्होंने हर तरह की हिंसा को छोड़ दिया और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी माँग मनवाने को आगे बढ़ा। यासीन मलिक कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी की भी हिमायत करता है, जिन्हें घाटी से निकलने पर विवश किया गया। स्पष्ट तौर पर उनके इस पेनल में चयन कुछ विवादों का हिस्सा बना जैसा कि आपने शो के शुरू में हल्ला सुना। मुझे लगता है कि हम इस फैसले का आदर करते हैं जहाँ हर आवाज सुनी जाती है। मुझे लगता है लोकतंत्र की खासियत बातचीत ही है।'
हैरान करने वाली चीज ये है कि जब यासीन मलिक को इस पेनल में शामिल करने की बात आई थी, तब बड़ी तादाद में हिंदुओं ने इसका विरोध किया था, मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और इंडिया टुडे ने यासीन को अपना मंच प्रदान किया। बता दें कि यासीन मलिक के खिलाफ टेरर फंडिंग सहित कई आरोपों को लेकर वर्तमान में मुक़दमे चल रहा है। मगर कश्मीरी पंडितों की हत्या वो मामला है जिसे उसने खुद ऑन टीवी कबूल किया था कि उसने नीलकंठ गंजू नामक जज को मौत के घाट उतारा था क्योंकि वह JKLF नेता को सजा-ए-मौत सुनाने वाले थे। यही नहीं यासीन मलिक के JKLF पर निहत्थे भारतीय वायुसेना के जवानों की हत्या करने के भी आरोप हैं। नीलकंठ गंजू के पोते अनमोल ने तो वर्ष 2019 में यासीन मलिक को सार्वजनिक तौर पर फांसी देने की माँग भी की थी। इसके साथ ही उन्होंने यासीन मलिक को कांग्रेस की मनमोहन सरकार से मिले समर्थन पर भी सवाल उठाए थे। आदित्य राज कौल द्वारा शेयर किए गए वीडियो में आप पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को उनसे हाथ मिलाते देख सकते हैं।
This is JKLF terrorist Yasin Malik confessing to killing Kashmiri Hindu Justice Neelkanth Ganjoo while speaking on BBC Hard Talk more than two decades ago. Justice Ganjoo had announced hanging of Maqbool Bhat. This isn’t Jagmohan or RSS. pic.twitter.com/st9DhPHOij
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 13, 2022
बता दें कि यासीन मलिक जैसे अलगाववादियों को समर्थन देने वाली कांग्रेस ने हाल में द कश्मीर फाइल्स फिल्म के माध्यम से दिखाए गए सच से लोगों को भ्रमित करने के लिए अपने ट्वीट में सारा आरोप तत्कालीन गवर्नर जगमोहन पर लगाया और दावा किया कश्मीरी पंडितों का पलायन उनकी वजह से शुरू हुआ। हालाँकि, वास्तविकता यह है कि यदि उस दौर में जगमोहन हस्तक्षेप नहीं करते तो शायद हिंदुओं के मारे जाने की संख्या कई गुना अधिक होती।
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