नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच इंडियन नेवी ने अपनी क्षमता बढ़ाने और हिंद महासागर क्षेत्र पर नज़र रखने के लिए अमेरिका से लीज पर दो ड्रोन शामिल किए हैं. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने मीडिया को बताया है कि यह ड्रोन इंडियन आर्मी के आईएनएस राजाली एयरबेस से 30 घंटे से ज्यादा समय तक निगरानी रखने की क्षमता वाला है.
सूत्रों ने कहा है कि दोनों ड्रोन नवंबर के मध्य में भारत आए थे और नवंबर के तीसरे सप्ताह में इस सिस्टम को शुरू कर दिया गया और वे वहां से उड़ान भर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि इंडियन नेवी ने इन ड्रोन्स को अमेरिकी वेंडर्स के साथ लीज एग्रीमेंट के तहत शामिल किया है, जिन्होंने सिस्टम को संचालित करने में सहायता करने के लिए अपनी टीम को तैनात भी किया है. ड्रोन्स समुद्र में हर तरह की गतिविधि की निगरानी कर सकता है. ड्रोन की सहायता से दुश्मनों के युद्धपोतों पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी. इस ड्रोन की मदद से नेवी को अपने विरोधियों पर निश्चित तौर पर बढ़त हासिल करने में सहायता मिलेगी.
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी तनाव के कारण तैनात भारतीय सुरक्षा बलों को भी अमेरिकी ड्रोन्स मुहैया कराया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमकता को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं.
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