वॉशिंगटन. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत ने एच-1बी और एल1 वीजा का मुद्दा अमेरिका के सामने बहुत दृढ़ता से उठाया है. उन्होंने कहा, "हम अमेरिका के साथ इस मुद्दे को उठा रहे हैं कि उसके लिए इस स्थिति से उबरना कठिन होगा, क्योंकि देश को आईटी पेशेवरों की सेवाओं से अपार लाभ होता है।"
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी श्रमिकों को रोजगार में तथा कथित भेदभाव और असमान प्रतिस्थापन से बचाने के ट्रंप प्रशासन ने लक्ष्य के अनुरूप अमेरिकी एच-1 बी और एल-1 वीजा जारी करने के नियम सख्त कर दिए गए हैं. अमेरिकी कंपनियां विदेशी पेशेवरों को अवधि के काम पर बुलाने के लिए इसी प्रकार के वीजा का इस्तेमाल करती हैं. यह वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में बडा लोकप्रिय है.
इसके अतिरिक्त ट्रंप प्रशासन ने इसी सप्ताह एच-1बी और एल1 वीजा की अवधि के विस्तार के नियमों को कडा कर दिया है और इसको साबित करने की जिम्मेदारी कर्मचारियों पर ही डाल दी गई है. अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी इस मुद्दे पर गौर करेंगे
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