नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम पांचवीं बार 1985-86 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. यह लगातार दूसरा ऐसा ऑस्ट्रेलिया दौरा था, जब भारतीय टीम सीरीज को ड्रॉ कराने में सफल रही थी. हालांकि, इस बार सीरीज में दोनों में से किसी भी टीम ने कोई टेस्ट नहीं जीता था. इस बार भारतीय टीम की कमान कपिल देव के हाथों में थी तो ऑस्ट्रेलियाई टीम एलन बोर्डर के नेतृत्व में खेल रही थी.
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इस सीरीज के तीनों टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहा था, लेकिन उसे कोई भी टेस्ट जीतने में सफलता नहीं मिल पाई थी. तीनों ही टेस्ट में भारतीय टीम पहली पारी में अच्छी बढ़त लेने में कामयाब हुई थी. एडिलेड में पहला टेस्ट ड्रॉ रहने के बाद भारत के पास मेलबर्न का दूसरा और सिडनी का तीसरा टेस्ट जीतने का मौका था, लेकिन समय की कमी के चलते ये दोनों टेस्ट भी ड्रॉ हो गए.
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सिडनी टेस्ट में तो भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन खिलाने तक में भी सफल रही थी, इस सीरीज में गावस्कर (352) ने भारत की ओर से सर्वाधिक रन बनाए थे, वहीं ऑस्ट्रेलिया की ओर से डेविड बून (323) रन बनाकर सबसे आगे रहे थे. सीरीज में 10 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में भारत की ओर से शिवलाल यादव (15), रवि शास्त्री (14) और कपिल देव (12), जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से ब्रूस रीड (11) के नाम थे.
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