भारत में कोरोनोवायरस के प्रकोप का प्रभाव 'बहुत छोटा और प्रबंधनीय होगा, क्योंकि देशभर में लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों का बड़ा फैसला अन्य देशों से बहुत पहले ले लिया गया था, नीती आयोग के एक सदस्य ने बुधवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि देश इससे लड़ने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. वी.के पॉल ने कहा कि कहना मुश्किल होगा कि स्थिति कब स्थिर होगी क्योंकि यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि देश में कोरोनोवायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बुधवार को 1,637 हो गई और इससे 38 लोगों की जान चली गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सक्रिय COVID-19 मामलों की गिनती 1,466 है, जबकि 132 लोग या तो ठीक हो गए हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है. वही, पॉल ने सावधानी बरतते हुए कहा कि सबसे खराब स्थिति में देश के किसी भी हिस्से में प्रकोप जनसंख्या के लिए बहुत विनाशकारी हो सकता है.
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अपने बयान में उन्होंने कहा कि भारत ने अन्य देशों से बहुत पहले कोरोनोवायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए है, चाहे वह यात्रा प्रतिबंध की बात हो या फिर social distancing हो. इसके अलावा पॉल ने कहा, भारत ने लॉकडाउन का इतना बड़ा फैसला ले लिया है, जो अन्य देशों ने समय रहते नहीं लिया है. इसलिए मेरा मानना है कि हमारे ऊपर इसका असर बहुत कम होगा. कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है.
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