इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर मुस्लिम मुल्क बना पाकिस्तान इस समय अपनी कट्टरपंथी हरकतों के कारण आर्थिक तंगहाली, राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवादी हमलों का समना कर रहा है। इसी बीच अब पड़ोसी मुल्क को भारत से युद्ध का डर भी सता रहा है. शहबाज शरीफ सरकार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि देश में होने वाली प्रांतीय चुनाव की देरी की एक वजह भारत से युद्ध का भय है. दरअसल, कोर्ट पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में होने वाली विधानसभा चुनाव में देरी के मामले पर सुनवाई कर रही है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सियासी रूप से बेहद अहम पंजाब प्रांत में चुनाव से देश में अस्थिरता बढ़ेंगी और इसका लाभ उठाकर भारत जल विवाद सहित अन्य कई विवादित मुद्दों का लाभ उठा सकता है. रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार ने आशंका जाहिर की है कि इससे पाकिस्तान उस 'ग्लोबल ग्रेट गेम' का विक्टम बना रहेगा, जहां भारत एक अहम भूमिका में है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने इस रिपोर्ट के जरिए पंजाब में होने वाली चुनाव की तारीख के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया है. सरकार ने कहा है कि यदि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में विधानसभा चुनाव होते हैं, तो अन्य प्रांतों में भी होने वाले चुनाव से पहले आतंकवाद के खतरे में ijaafe की आशंका है.
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