नई दिल्ली: फिलीपींस को शुक्रवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का पहला बैच प्राप्त होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो इंडिया के पहले प्रमुख रक्षा निर्यात सौदे की परिणति है। खबरों का कहना है कि विकास स्रोतों की पुष्टि करते हुए, भारी उपकरणों को स्थानांतरित करने के ऑपरेशन का नेतृत्व भारतीय वायु सेना कर रही है, जिसमें नागरिक विमान एजेंसियों से महत्वपूर्ण समर्थन मिल रहा है।
इस बारें में अन्य ख़बरों का कहना है कि, "भारी सामान ले जाने वाली लंबी दूरी की उड़ान उपकरण फिलीपींस के पश्चिमी भागों तक पहुंचने से पहले 6 घंटे की नॉन-स्टॉप यात्रा होने वाली है।" इतना ही नहीं भारत ने जनवरी 2022 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की आपूर्ति के लिए फिलीपींस के साथ एक समझौते का एलान कर दिया था, जिससे यह देश का पहला प्रमुख रक्षा निर्यात ऑर्डर बन गया। नोटिस पर मूल रूप से 31 दिसंबर, 2021 को हस्ताक्षर भी कर दिए गए थे।
इससे पहले भी इस बारें में ख़बरें आई थी कि फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग ने इंडिया के ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड को 'अवार्ड का नोटिस' जारी किया, जिसमें तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए 374.96 मिलियन अमरीकी डालर (2,700 करोड़ रुपये) के अनुबंध को अनुमति दे दी गई है।
शुरूआती सौदों की माने तो फिलीपींस को मिसाइल प्रणाली के लिए तीन मिसाइल बैटरियां मिलने वाली है, जिनकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर और गति 2.8 मैक (ध्वनि की गति से तीन गुना) है। इस सौदे में ऑपरेटरों के लिए प्रशिक्षण और आवश्यक एकीकृत लॉजिस्टिक्स सहायता पैकेज भी शामिल किया गया था। वहीं फरवरी 2023 में, फिलीपीन नौसेना के 21 कर्मियों के लिए मिसाइल प्रणाली के लिए ऑपरेटर प्रशिक्षण सफलतापूर्वक आयोजित कर दिया गया था।
फिलीपींस मरीन कॉर्प्स की माने तो शोर-आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम है, जो 23 जनवरी से 11 फरवरी, 2023 तक चला, एसबीएएसएमएस के कुछ सबसे महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स पैकेजों के संचालन और रखरखाव पर केंद्रित था जो फिलीपींस को वितरित किए जाने वाले है।
इंडिया इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड और कुछ अन्य देशों के साथ बातचीत कर रहा है जिन्होंने इस प्रणाली में रुचि दिखाई है। ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जाने वाला है। अब खबर आ रही है कि मिसाइल-भारत और रूस के मध्य एक सहयोग-वर्तमान में एक प्रक्रिया से गुजर रही है जहां इसके 83 फीसद घटकों का स्वदेशीकरण किया जा रहा है। इतना ही नहीं 11 जनवरी, 2022 को भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विस्तारित दूरी के समुद्र से समुद्र तक मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
मिसाइल का परीक्षण पश्चिमी समुद्र तट पर भारतीय नौसेना के नव नियुक्त आईएनएस विशाखापत्तनम से ही किया गया था। ब्रह्मोस का विस्तारित-रेंज संस्करण भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) की पूर्ण सदस्यता के उपरांत विकसित किया गया था, जिसने क्रूज़ मिसाइल की रेंज पर सीमाएं हटा दी थीं। योजना शुरुआत में हमले की सीमा को 450 किमी तक बढ़ाने की है।
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