नई दिल्ली: कोरोना के आने के बाद से चीन और भारत के रिश्तों में दरार आ गई है, वही इस बीच भारत एलएसी पर शांति के लिए चीन के साथ चर्चा जारी रखना चाहता है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने लोकसभा में एलएसी से संबंधित मतभेदों को सुलझाने के लिए लोकसभा में इस बात का जिक्र किया। देश ने बुधवार को बताया कि चीन के साथ इसका जुड़ाव कठिन है तथा दोनों देश इस बात पर सहमत थे कि एक दूसरे की संवेदनशीलता, चिंताओं तथा आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए रिश्तों की भावी दिशा का निर्माण किया जाना चाहिए।
वी मुरलीधरन ने कहा, 'यह चीनी पक्ष को साफ़ कर दिया गया है कि इस प्रकार की एकतरफा कोशिश अस्वीकार्य हैं। इन कामों ने पश्चिमी इलाके में एलएसी के साथ शांति गंभीर तौर पर परेशान किया है। दोनों पक्षों ने अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए तथा किसी भी मसले पर मतभेदों को विवाद नहीं बनने देने पर सहमति जाहिर की है। उन्होंने ऐसा तब कहा जब उनसे चीन की ओर से भूतकाल में की गई चर्चा के उल्लंघन तथा बार-बार एलएसी को पार करने के “अनुचित प्रयासों” की वजह से भारत-चीन संबंध प्रभावित होने के बारे में पूछा गया।
वही भारत अपने पड़ोसियों का सक्रिय राजनीतिक तथा आर्थिक भागीदार है तथा इन देशों के साथ विकास परियोजनाओं सहित अनेक परियोजनाओं में सम्मिलित है। पिछले वर्ष अप्रैल- मई के पश्चात् से एलएसी पर चीन ने जवानों की तैनाती बढ़ा रखी है। मई माहों के पश्चात् से एलएसी के नजदीकी क्षेत्रों में चीन की ओर से कई बार घुसपैठ का प्रयास किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि भारत ने इन प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। वहीं 10 सितंबर 2020 को भारतीय विदेश मंत्री एस। जयशंकर अपने चीनी समकक्ष से मॉस्को में मिले थे।
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