नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड को मंजूरी दी है, जिससे लगभग 40 स्टार्टअप्स को समर्थन मिलने की संभावना है। यह कदम भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास को तेज करने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस फंड की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान की थी। केंद्र सरकार का उद्देश्य घरेलू अंतरिक्ष कंपनियों को समर्थन देना है, और यह फंड आगे के विकास के लिए आवश्यक पूंजी मुहैया कराने में सहायक होगा। केंद्र ने बताया कि इस फंड की तैनाती अवधि इसके संचालन की शुरुआत से पांच साल तक रहेगी, जिसमें वार्षिक तैनाती का औसत 150 से 250 करोड़ रुपये होगा। वित्त वर्ष 2025-26 में इस परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये की फंडिंग की उम्मीद है, जबकि अगले तीन वर्षों में इसे बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये करने की योजना है, और अंतिम वर्ष में यह राशि 100 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
इस फंड का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) द्वारा किया जाएगा, जिसे 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था। यह एजेंसी अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। केंद्र ने यह भी बताया कि निवेश की सीमा 10 से 60 करोड़ रुपये के बीच होगी, जो कंपनी के विकास चरण, विकास पथ और राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्षमताओं पर उसके संभावित प्रभाव पर निर्भर करेगी। विकास के शुरुआती चरण के लिए निवेश 30 करोड़ रुपये तक हो सकता है, जबकि अंतिम विकास चरण में यह 30 से 60 करोड़ रुपये के बीच होगा।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने 6,798 करोड़ रुपये की दो रेलवे परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है, जो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के आठ जिलों में फैली होंगी। ये परियोजनाएँ लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार करेंगी, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके सतत विकास लक्ष्यों में योगदान करेंगी। केंद्र का कहना है कि इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।
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