नई दिल्ली: भारत को दिसंबर तक आसमानी कवच मिलने जा रहा है। दरअसल, भारत को रूस से इस साल के अंत तक सतह से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली खेप मिल जाएगी। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के CEO अलेक्जेंडर मिखेयेव ने कहा कि हर चीज निर्धारित समय के मुताबिक ही चल रही है।
बता दें कि एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की रूस की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है। ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट कर सकती है। एजेंसी ने बताया कि भारतीय विशेषज्ञ रूस पहुंच चुके हैं और उन्होंने जनवरी 2021 में एस-400 संबंधी ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है।
बता दें कि एस-400 सतह से हवा में मार करने वाला एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम है। यह लंबी दूरी तक मार करने वाली रूस की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है। ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली इतनी उन्नत है कि 400 किलोमीटर की रेंज में आने वाले दुश्मन के विमानों, क्रूज मिसाइल, परमाणु मिसाइल और ड्रोन को भी नष्ट कर सकती है। इस सिस्टम में चार अलग-अलग रेंज में मिसाइल हैं जो 400 किलोमीटर, 250 किमी, 120 किमी और 40 किलोमीटर तक शत्रु के विमानों और मिसाइलों को नष्ट कर सकती हैं। यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है।
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