पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले के आलंदी में 5 फरवरी को गीता परिवार द्वारा आध्यात्मिक गुरु गोविंद देव गिरी जी महाराज की 75वीं जयंती के अवसर पर आयोजित गीता भक्ति अमृत महोत्सव में मोहन भागवत ने कहा- भारत को अपनी जिम्मेदारी के लिए उठना होगा। विश्व को विनाश से बचाने के लिए भारत को सक्षम बनना होगा। अगर किसी भी वजह से भारत खड़ा नहीं हो पाता है तो दुनिया को बहुत जल्द भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। पूरी दुनिया में उथल-पुथल भरी स्थिति बनी हुई है। इसके बारे में विश्व भर के बुद्धिजीवी इस बात को बोल रहे है तथा लिख रहे हैं।
मोहन भागवत ने ये भी कहा कि अयोध्या मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्रतिष्ठा एक साहसी कार्य है जो भगवान के आशीर्वाद एवं इच्छा के बाद हुआ है। मोहन भागवत ने अयोध्या में 22 जनवरी को हुए भव्य रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि बहुत लंबे संघर्ष के पश्चात अयोध्या में रामलला का आगमन हुआ है जो कि एक साहसी काम था। इस दशक की पीढ़ी बहुत भाग्यशाली है कि वह रामलला को अपने घर में देख पा रही है। हम सभी को ये भव्य कार्यक्रम भगवान के आशीर्वाद एवं कृपा के बाद देखने को मिला है। रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा उनकी (भगवान की) इच्छा पूरी होने का शुरुआती बिंदु है एवं अब भारतवर्ष को आगे बढ़ना है, क्योंकि दुनिया को इसकी आवश्यकता है।
आगे मोहन भागवत ने कहा, 'वर्तमान समय में प्राचीन ग्रंथ के अर्थ को बिना किसी गलती के ठीक से समझने की आवश्यकता है तथा इसलिए ऐसे महोत्सवों का आयोजन किया जा रहा है, क्योंकि गलत अर्थ विनाश की ओर ले जाता है। भले ही समय बदल गया हो, किन्तु ज्ञान और विज्ञान का मूल वही है। भारत शाश्वत है, क्योंकि इसका मूल शाश्ववत है। भारत को पूरे विश्व को मृत्यु को बचाना है। अखंड भारत अविश्वास एवं कट्टरता की दीवारों को तोड़ देगा तथा एकजुटता मानवता का निर्माण करेगा'।
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