विस्तारवादी चीन अपने ओहदा से गरीब पड़ोसी मुल्कों को झूठा प्रलोभन देकर हथियाना चाहता है पर भारत ने पड़ोसी मुल्कों को बचाने की कवायत शुरू कर दी है जिसमें उसने नेपाल को चीन के प्रलोभन से बचाने के लिए इस बार बड़ी आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है.
इस साल के वित्तीय वर्ष के अप्रैल माह से भारत ने नेपाल को 650 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. भारत ने नेपाल को दी जाने वाली सहायता राशि में पिछले साल की तुलना में 73 प्रतिशत तक वृद्धि की है. गौरतलब है कि नेपाल में लेफ्ट की सरकार बनने के बाद से ही चीन ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है, इसी को देखते हुए भारत ने भी बड़ा कदम उठाया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में चीन के बढ़ते दबदबे और सीमा पर विवाद के चलते भारत ने नेपाल को दी जाने वाली सहायता में जबरदस्त ढंग से इजाफा किया है. नेपाल में मधेसी आंदोलन के दौरान दोनों के रिश्तों में हुई खटपट और फिर लेफ्ट सरकार के आने के बाद ऐसी अटकले लगाई जा रही थी कि काठमांडू का झूकाव बीजिंग की तरफ बढ़ेगा. भारत की कोशिश हर स्तर पर नेपाल के साथ रिश्तों को मजबूत बनाना है.
अंग्रेजी अखबार फाइनेंसियल टाइम्स के मुताबिक, भारत की तरफ से नेपाल को दी जाने वाली सहायता राशि 2017-18 में 375 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़ाकर 650 करोड़ रुपये कर दी गई है. आपको बता दें भारत हर साल नेपाल से भी ज्यादा भूटान की वित्तीय मदद करता है. भारत की तरफ से भूटान को हर साल दी जाने वाली सहायता राशि 1,813 करोड़ रुपये है और भूटान का भारत के साथ पांच साल के लिए करार हुआ है जिसमें वहां हाइड्रो-इलेक्ट्रो प्रोजेक्ट्स का काम होना है.
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