नईदिल्ली। अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के भारत दौरे के दूसरे दिन उनका दिल्ली में जमकर स्वागत किया गया। भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मैटिस से चर्चा की। चर्चा के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने आतंकवाद और सामरिक साजो - सामान की खरीद को लेकर चर्चा की। साथ ही अफगानिस्तान के हालातों को लेकर भी चर्चा हुई। दोनों ही नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि, किसी भी देश को आतंकियों के लिए पनाहगाह नहीं बनने दिया जाएगा।
दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ साथ में लड़ाई करेंगे। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, मुंबई और न्यूयॉर्क में हुए हमलों की नींव पाकिस्तान में रखी गई। पाकिस्तान में पनाह पाने वाली ताकतों ने ही मुंबई और न्यूयॉर्क में हमले किए। वार्ता में अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने, भारत से मांग की कि, वह अफगानिस्तान में अपनी सेना को तैनात करे। मगर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्टतौर पर कहा कि, भारत इस क्षेत्र में सेना तैनात नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि, भारत अफगानिस्तान के विकासीय प्रोजेक्टस को लेकर कार्य करता रहा है। वह यहाॅं बांध, स्कूल परिसर, चिकित्सालय और सड़कों का निर्माण करता रहा है। अफगानिस्तान के निर्माणी प्रोजेक्टस पर यदि अफगानिस्तान की सरकार भारत की भागीदारी चाहेगी तो हम यह कार्य जरूर करेंगे। भारत का प्रयास है कि, अफगानिस्तान में स्थायीतौर पर विकास हो। जेम्स मैटिस अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भेंट कर सकते हैं।
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