नई दिल्ली: याद हो हमने आपको पहले ही बताया था. शुरूआती दिनों में इंग्लैंड में आयोजित पहले तीन वर्ल्डकप मैच 60- 60 ओवर के हुआ करते थे. वही उस वर्ल्डकप के ख़िताब को वेस्टइंडीज टीम पहले ही दो बार जीत चुकी थी, और फिर जब 25 जून 1983 में वेस्टइंडीज टीम दोबारा फाइनल में पहुंची थी, जिसपर सभी को विश्वास था कि इस बार भी वेस्टइंडीज टीम ही जीतेगी. उस समय वेस्टइंडीज टीम का मुकाबला भारतीय क्रिकेट टीम से होना था, जिसकी कमान पूर्व कप्तान कपिल देव ने संभाली थी, और भारतीय टीम ने इस मैच को जीतकर यह घोषित कर दिया था कि मैच से पहले परिणाम नहीं निकलना चाहिए.
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 25 जून बेहद खास है इसी दिन टीम ने वेस्टइंडीज टीम को 43 रनो से पराजय किया था. उस समय भारतीय टीम को बेहद कमज़ोर कहा जाता था. वही 25 जून को एक और कारनामा हुआ था जब महेंद्र सिंह धोनी टीम के कप्तान हुआ करते जी हाँ हम बात कर रहे है 25 जून 2011 की जब भारतीय टीम ने श्रीलंका को टी-20 फाइनल में हराया था. बताते चले कपिल देव की अगुआई में जब टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीती थी. उसके बाद मानो जैसे भारतीय क्रिकेट के ऊपर धन की बारिश हो गई हो.
बता दे आपको उस समय भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को 54.4 ओवर में 183 रन का लक्ष्य दिया था, और पूरी वेस्टइंडीज टीम को सिर्फ 140 रन ही रोक दिया, मैच को जीतने के लिए भारतीय टीम के बल्लेबाज श्रीकांत ने टीम के लिए सर्वाधिक 36 रन बनाए थे. उनके बाद मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन और संदीप पाटिल ने 27 रन जोड़े थे.
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