भारत के पड़ोसी मुल्क चीन के साथ लगातार बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने लद्दाख में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देने वाले सुखोई और मिराज जैसे अपने युद्धक विमान तैनात कर दिए हैं. गलवन घाटी से लेकर ¨फगर-4 इलाके में थलसेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक युद्धक सामान सहित जवानों व अधिकारियों की अतिरिक्त तैनाती भी शुरू कर दी है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तैयारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन 80 से 90 सैन्य ट्रक लद्दाख के अग्रिम इलाकों की तरफ जा रहे हैं. तोपखाना और टैंक भी भेजा गया है. इनमें से अधिकांश ट्रकों को कश्मीर घाटी से ही भेजा जा रहा है. इस बीच, मंगलवार को सेना की उत्तरी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी लेह पहुंच गए.
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इस मामले को लेकर सूत्रों ने बताया कि गलवन घाटी, हॉट स्पि्रंग और फिंगर-4 इलाके में तैनात किए जा रहे जवानों को पहले कुछ दिनों तक लेह व अन्य जगहों पर रखा गया ताकि वह स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढाल सकें. लद्दाख के अग्रिम इलाकों में तोपखाना और टैंक भी भेजा गया है. वही, सूत्रों ने बताया कि लद्दाख स्थित सेना की 14 कोर किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह समर्थ है. उसके पास तोपखाना, टैंक व अन्य आवश्यक युद्धक सामग्री व हथियारों की कोई कमी नहीं हैं. अन्य इलाकों से जो सैनिक व सैन्य साजो सामान तैनात किया जा रहा है, वह सिर्फ अतिरिक्त और अग्रिम तैनाती के लिए है. भारतीय वायुसेना ने भी लद्दाख में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं.
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