नई दिल्ली : एक अहम बदलाव के तहत सैन्य विमानों की उड़ान में स्वदेश निर्मित जैव ईंधन यानि बायो फ्यूल के उपयोग को हरी झंडी दिखा दी गई है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह मंजूरी महीनों तक चले विस्तृत स्थलीय व फ्लाइट ट्रायलों के बाद दी गई है।
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इस तरह तैयारी होता है ईंधन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन की तरफ से अनुमति दे दिए जाने के बाद भारतीय वायुसेना के सबसे पहले अपने मालवाहक विमानों और हेलिकॉप्टरों में जैव ईंधन का उपयोग किए जाने की संभावना है। जानकारी के लिए बता दें जैव ईंधन गैर पारंपरिक स्रोतों से तैयार किया जाता है, जिसमें गैर खाद्य श्रेणी की वनस्पतियां और पेड़ों से मिलने वाले तेल आदि शामिल हैं। फिलहाल जैव-जेट ईंधन का निर्माण छत्तीसगढ़ में मिलने वाले जेट्रोफा के बीजों से किया जा रहा है।
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ऐसे मिली मंजूरी
जानकारी के लिए बता दें रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को एक बैठक में सीईएमआईएलएसी ने जैव-जेट ईंधन को लेकर किए गए विभिन्न परीक्षणों और जांच का विवेचन किया। यह सारे परीक्षण और जांच शीर्ष राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेशन एजेंसियों की तरफ से तय प्रक्रिया के तहत किए गए थे। इन परीक्षणों की रिपोर्ट से संतुष्ट होने के बाद सीईएमआईएलएसी ने जैव-जेट ईंधन के उपयोग की मंजूरी दे दी।
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