नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है। दोनों पक्ष एक-दूसरे की ओर से अपने-अपने क्षेत्रों को खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने की पुष्टि कर रहे हैं।
हाल ही में शुरू हुई इस वापसी प्रक्रिया में अब तक लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसमें बुनियादी ढांचे को हटाना और सैनिकों की वापसी शामिल है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह प्रक्रिया मंगलवार तक पूरी होने की संभावना है। भारतीय सेना का लक्ष्य 29 अक्टूबर तक दोनों क्षेत्रों में इस डिसइंगेजमेंट को अंतिम रूप देना है, जिसके बाद संयुक्त गश्त शुरू की जाएगी। भारत लंबे समय से चल रहे इस सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास में है, ताकि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल की जा सके।
इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि दोनों देशों के सीमावर्ती सैनिक सीमा मुद्दों पर हुए समझौतों के अनुसार आवश्यक कार्य में लगे हुए हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि यह प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। 21 अक्टूबर को, भारत ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौते की घोषणा की, जिससे पिछले चार साल से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
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