नई दिल्ली: भारतीय नीति निर्माण की आजादी पर जोर देते हुए रविवार को सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने कहा, भारतीय सेना के साथ मिलने के लिए रूसी सेना बहुत उत्सुक है. जनरल रावत ने मानेकशॉ सेंटर के उद्घाटन जनरल केवी कृष्ण राव मेमोरियल व्याख्यान में कहा, रूस की सेना, भारतीय सेना के साथ मिलने के लिए बहुत उत्सुक हैं क्योंकि भारतीय सेना वैश्विक स्तर पर एक सक्षम सेना है.
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उन्होंने कहा कि जब रूसियों ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में पूछा, तो मेरा जवाब था, 'हां, हम इस बात की सराहना करते हैं कि हमारे पास प्रतिबंध हो सकते हैं, लेकिन हम एक स्वतंत्र नीति का पालन करते हैं इसलिए आप आश्वासित हो सकते हैं. हालांकि हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ पाने के लिए अमेरिका से जुड़ सकते हैं, लेकिन यह निश्चित है कि हम एक स्वतंत्र नीति का पालन करते हैं.
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जनरल रावत ने आगे कहा, जबकि हम प्रतिबंधों की बात कर रहे हैं और आप प्रतिबंधों पर सवाल पूछ रहे हैं, वहीं इस अवसर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एस -400 हथियार प्रणाली की खरीद पर संधि पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, इस तथ्य के बावजूद कि हमें भविष्य में अमेरिका से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और दोनों देशों के बीच 5.3 बिलियन अमरीकी डालर का सौदा किया गया है.
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