नई दिल्ली। इन दिनों भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां एक ओर वायु सेना के लिए राफेल विमान खरीदने को लेकर करार किया गया तो अब भारतीय थल सेना और सेना के लिए राइफल खरीदने की तैयारी की जा रही है। अब तक भारतीय सैनिक स्वदेश में निर्मित द इंडियन स्माल आम्र्स सिस्टम राइफल के माध्यम से लड़ाई लड़ा करते रहे हैं मगर अब इनका स्थान नई आयातीत असाल्ट राइफल ले लेगी।
उक्त राइफल 1988 में सेना के जवान को प्रदान की गई थी। यह राइफल 7.62 कैलिबर की असाल्ट राइफल है। गौरतलब है कि भारत ने कारगिल का युद्ध भी इस राइफल से लड़ा है। इस राइफल की कमजोरी के तौर पर यह बात कही जाती रही है कि यह अधिक दूरी तक सटीक निशाना नहीं लगा पाती जबकि पाकिस्तान ने अपनी सेना को उन्नत राइफल प्रदान की हुई है। कैलिबर में यह भारत जितनी ही है।
अब भारत जो राइफल खरीदेगा वह असाल्ट राइफल होगी जो कि जर्मनी में हैकलर एंड कोच नामक कंपनी तैयार कर रही है। प्रारंभ में दो लाख नई राइफल भारतीय सेना को दी जाऐंगी इसके बाद राइफल और बढ़ेगी। यह राइफल 500 मीटर की दूरी तक अच्छा और सटीक निशाना लगाएगी। भारतीय सेना अभी जो इन्सास उपयोग में ला रही है वह भी असाल्ट राइफल की श्रेणी में है लेकिन भारत को अब उन्नत राइफल की जरूरत है। बाद में भारत में ही आयतीत राईफल की तरह नई राईफल बनने लगेगी।
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