नई दिल्ली :नोटबंदी के 22 दिन भी देशभर में नकद की भारी कमी है. लोग रुपयों के लिए परेशान हो रहे हैं. बैंकों और एटीएम में अब भी कतारें लगी हुई हैं.केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक दोनों इस समस्या से जल्द निजात पाना चाहते हैं. इसलिए नोटों की सभी प्रिंटिंग प्रेसों में युद्ध स्तर पर नोटों की छपाई की जा रही है. नकदी के इस संकट को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक सेना की भी मदद ले रहा है.
गौरतलब है कि मैसूर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण नए करंसी नोटों की छपाई और आपूर्ति का प्रमुख केंद्र है.इस नोट प्रिंटिंग प्रेस में दिन-रात 24 घंटे 500 और 2,000 रुपये के नए नोट छापे जा रहे हैं और करीब 200 जवान इन नोटों को देश भर में पहुंचाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं. मंगलवार को मैसूर प्रेस में 5.1 करोड़ रुपये की छपाई हुई. प्रेस के स्टाफ तीन शिफ्टों में 24 घंटे काम कर रहे हैं. नोट की छपाई के सभी 5 प्रेस में से आम तौर पर एक समय में 2 से 3 में छपाई का काम चलता है, लेकिन नोटबंदी के बाद के हालातों से निपटने के लिए सभी पांचों प्रेस में नोटों की छपाई का कार्य जारी है.
आपको बता दें कि सोमवार से यहां सेना के जवान छपाई के हर काम में मदद कर रहे हैं.वह पेपर के मशीन तक पहुंचाने, उसे मशीन में लोड करने, पैकेजिंग, लोडिंग और अनलोडिंग जैसे काम कर रहे हैं. ये सभी काम सख्त प्रोटोकॉल और कड़ी सुरक्षा के बीच किए जा रहे हैं.इसके अलावा सेना के जवान छपी हुई करंसी के देश भर वितरण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कर रहे हैं.