नई दिल्ली। भारतीय थलसेना करीब 6 अपाचे हेलिकाॅप्टर खरीदने की प्लानिंग कर रही है। हेलिकाॅप्टर्स की खरीद पर 4168 करोड़ रूपए का खर्च आ सकता है। मिली जानकारी के अनुसार थल सेना को पहली बार अटैक हेलिकाॅप्टर मिल सकेंगे। रक्षामंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इस सौदे को स्वीकृति दी गई थी। मिली जानकारी के अनुसार नौसेना के लिए 490 करोड़ रूपए से दो गैस टरबाईन इंजन खरीदे जाऐंगे।
कहा गया है कि रक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति से सौदे की स्वीकृति लेनी होगी। सेना के सूत्रों ने बताया कि 2020 तक हेलिकाॅप्टर की आपूर्ति होने की संभावना है। मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका की बोइंग कंपनी द्वारा 6 अपाचे एएच 64 ई हेलिकाॅप्टर स्पेयर पार्टस, हथियार व अन्य उपकरणों की खरीद की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार सितंबर 2015 में वायुसेना हेतु 22 अपाचे अटैक हेलिकाॅप्टर व 15 चिनुक हेवी लिफ्ट हेलिकाॅप्टर के सौदों का करार हुआ।
माना जा रहा है कि इन हेलिकाॅप्टर्स के मिलने से भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में अधिक बेहतर तरह से कार्य कर सकेगी और दुश्मन की बोट्स, नाव और जहाजों का पता लगाने में आसानी होगी। अपाचे हेलिकाॅप्टर में जो गन्स लगी होंगी वे 30 एमएम की होगी जो कि निशाने को नष्ट कर सकेगी। ये हेलिकाॅप्टर 293 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकेंगे। इन हेलिकाॅप्टर्स का वजन 5165 किलोग्राम है। भारत ने 4 फ्रिजेट जहाजों को लेकर रूस से करार किया था। दो जहाज रूस में बनेंगे जबकि 2 भारत में ही रूस के शिप यार्ड में बनाए जाऐंगे।
पाक ने किया सेना कैंप पर आतंकी हमला, एक महिला की मौत
अंतिम पायदान पर पहुॅंचकर अंतर्राष्ट्रीय टैंक बैथलाॅन स्पर्धा से बाहर हुआ भारत
पत्थरबाजी के विरूद्ध कार्रवाई में गई 2 की जान, स्कूल काॅलेज हुए बंद