आपरेशन मेघदूत के 40 साल पूरे होने पर भारतीय सेना ने एक वीडियो किया जारी और सियाचिन वाले क्षेत्र में की गई पहल के बारे में बताया
'ऑपरेशन मेघदूत' की 40वीं वर्षगांठ पर, सेना के अधिकारियों ने सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में की गई पहलों के बारे में जानकारी की। उन्होंने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है। वीएसएटी तकनीक की शुरूआत ने ग्लेशियर पर संचार की क्रांति लाई है, जिससे सैनिकों को डेटा और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है।
गौरतलब है की 1984 में, सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन मेघदूत' का आयोजन किया था। पाकिस्तान की ओर से 'अबाबील' नामक ऑपरेशन के तहत, 17 अप्रैल तक सियाचिन पर कब्जा करने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, भारतीय सेना ने 13 अप्रैल को ही सियाचिन में अपना झंडा लहरा दिया। इस ऑपरेशन में शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर का शव 38 साल बाद, 2022 में मिला था।
सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है, जिसकी ऊंचाई करीब 20,000 फीट है। यहां सालभर बर्फ जमी रहती है
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