इंडियन एथलीट यहां बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खेल गांव की किचन में ‘भिंडी मसाला’ की सब्जी देखकर हैरान हो चुके है और उन्हें भले ही 3 अलग अलग खेल गांव में रखा गया हो लेकिन वे ‘घर जैसा महसूस’ भी कर रहे है। खिलाडिय़ों और टीम अधिकारियों को भले ही बर्मिंघम में तीन अलग अलग खेल गांव में रखा गया हो लेकिन जिमनास्टिक कोच अशोक मिश्रा का इस बारें में बोलना है कि यहां ‘घर जैसा महसूस’ हो रहा है। मिश्रा ने बोला है कि यह ऐसा महसूस हो रहा है जैसे हम इंडिया में हैं। भारतीय मूल के कई लोग यहां सुरक्षा अधिकारी, स्वयंसेवक और खानसामा के तौर पर कार्य कर रहे है।
उन्होंने इस बारें में बोला है कि पिछले दिन खानसामा ने हमारे लिए भिंडी मसाला बनाकर हमें हैरान कर दिया और हमारे खिलाडिय़ों ने इसका लुत्फ उठा लिया है। हम घर जैसा महसूस कर रहे हैं। वहीं खेल गांव में समलैंगिक समुदाय के लिए मामलों पर चर्चा करने और अभिव्यक्त करने के लिए माहौल बनाने जा रहा है। ब्रिटेन के ‘डाइविंग’ स्टार टॉम डाले ने सार्वजनिक रूप से एक अन्य पुरूष के साथ अपने रिश्ते के बारे में वार्ता भी की है और वह मशाल उठाने वालों में शामिल थे और कुछ इसे इसे समग्रता की ओर उठाए गए कदम की तरह देख रहे हैं।
राष्ट्रमंडल सदस्यों में से आधे देशों में समान लिंग रिश्ते के खिलाफ कानून हैं लेकिन डाले ने बोला है कि हम देशों में कानून बदलने नहीं जा सकते लेकिन हम लोगों के लिए सुरक्षित माहौल में मामलों पर चर्चा के लिए अवसर भी बना रहे है। उन्होंने बोला है कि जब भी हमें अपने मूल्यों के बोर में बात करने का अवसर भी मिल रहा है, हमें ऐसा करना चाहिए। सीजीएफ अध्यक्ष डेम लुसे मार्टिन ने कहा कि हम सभी का बराबरी से देखते हैं, हम लिंग नहीं देखते, हम जाति और रंग नहीं देखते। वहीं, त्रिनिदाद एवं टोबैगो 2021 में कोरोना महामारी की वजह से स्थगित हुए राष्ट्रमंडल युवा खेलों की अगले साल मेजबानी करने वाला है।
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