राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन नीतू गघांस (48 किग्रा) ने गुरूवार को यहां कजाखस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा पर 5-2 की जीत से वुमन वर्ल्ड मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में स्थान बना लिया है। यह मुकाबला पिछले वर्ष के क्वार्टरफाइनल जैसा ही था। जिसमे नीतू और बाल्कीबेकोवा ने पहले दौर में एक दूसरे पर जमकर मुक्के भी जड़ दिए। हालांकि कजाखस्तान की मुक्केबाज अधिक हावी रहीं जिससे पहला राउंड 3-2 से उनके नाम रहा। दूसरे राउंड में हालांकि नीतू ने मजबूत वापसी करते हुए दमदार ‘हुक्स' और ‘जैब्स' जड़े। दोनों मुक्केबाज एक दूसरे को जकड़ने का प्रयास भी करती रहीं लेकिन नीतू इस राउंड को अपने नाम करने में कामयाब हो गई। अगले तीन मिनट बहुत तनावपूर्ण रहे जिसमें नीतू ने बाल्कीबेकोवा से बेहतर प्रदर्शन किया जिससे मुकाबले का ‘रिव्यू' किया गया और उन्हें विजेता घोषित किया गया।
खबरों का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन नीतू ने ताजिकिस्तान की सुमैया कोसिमोवा को पहले दौर में मात जबकि बीते वर्ष की कांस्य पदक विजेता मनीषा ने तुर्की की नूर एलिफ तुरहान को मात दे चुकी है। जैस्मीन ने पहले दौर में पिछड़ने के उपरांत शानदार वापसी करते हुए ताजिकिस्तान की मिजगोना सामडोवा को मात दी। शशि चोपड़ा (63 किलो) हालांकि जापान की मेइ कितो से 0-4 से हारकर बाहर हो चुकी है । नीतू का यह दूसरा मुकाबला था जिसका फैसला RAC पर आया ।
निकहत ने जवाबी अटैक करने से पहले अपने प्रतिद्वंद्वी के खेल को समझने में कुछ सेकंड का वक़्त लिया। हरेरा के मुक्कों से बचने के लिए उन्होंने अपने फुर्तीले पैरों का उपयोग भी किया जा रहा है। दोनों मुक्केबाज पहले 52 किग्रा भार वर्ग में चुनौती पेश करते थे। मैक्सिको की मुक्केबाज की आक्रामक शैली से अच्छी तरह वाकिफ निकहत ने सटीक पंच जड़ दिए। पिछले सत्र में भी निकहत से शिकस्त झेलने वाली हेरेरा ने लय हासिल करने का प्रयास भी किया है की लेकिन निकहत ने लगातार मुक्के लगाकर उन्हें मुकाबले से बाहर कर चुके है।
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