नई दिल्लीः देश में चल रही मंदी के कारण यहां कपनियां दवाब में है। उनके के पास नकद का संकट बढ़ गया है। लेकिन कंपनियों ने इस साल जुलाई माह में 4.98 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज जुटाया। एक वर्ष पहले घरेलू कंपनियों द्वारा जुटाए गए विदेशी कर्ज की राशि के मुकाबले यह दो गुना से भी अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक के नए आंकड़ों से यह बात सामने आई है।
जुलाई, 2018 में भारतीय कंपनियों ने विदेशी बाजार से 2.18 अरब डॉलर का कर्ज जुटाया था। घरेलू कंपनियों द्वारा जुटाए गए कुल कर्ज में से 3.37 अरब डॉलर एक्सटर्नल कॉमर्शियल बोरोइंगवहीं, 1.56 अरब डॉलर ईसीबी परमिशन के माध्यम से और 5.09 करोड़ डॉलर मसाला या रुपये वाले बांड के माध्यम से जुटाए गए।
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने ईसीबी के ऑटोमेटिक परमिशन रूट से खर्च के लिए 75 करोड़ डॉलर की रकम रुपये के टर्म में जुटाई। कंपनी ने 65 करोड़ डॉलर पहले के ईसीबी को चुकाने के लिए भी जुटाए। ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने 50 करोड़ डॉलर अन्य उद्देश्यों के लिए जुटाए। लार्सन एंड टुब्रो और एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी ने क्रमश: 15 करोड़ डॉलर और 12.5 करोड़ डॉलर जुटाए। कंपनियों के पास नकदी संकट हल करने के लिए सरकार तमाम तरह के कदम उठा रही है।
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