नई दिल्लीः कल यानि सोमवार भारतीय राजनीति के लिए अहम दिन साबित हुआ। इस दिन केंद्र सरकार ने राज्यसभा से Article 370 और सेक्शन 35A के हटाने संबंधी बिल को पारित करवाकर एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाया। इसके बड़े दूरगामी परिणाम होंगे। क्रिकेट जगत भी इस कदम से अछुता नही है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और सेक्शन 35 ए के हटने के बाद इस विशेष राज्य के दो टुकड़े हो गए हैं, जिसमें एक जम्मू-कश्मीर है, तो वहीं दूसरा लद्दाख बनाया गया है। हालांकि, दोनों ही राज्यों को क्रेंद शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया गया है।
इससे क्रिकेट जगत को भी नए खिलाड़ी मिलने की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। लद्दाख को अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा तो वहां भी दिल्ली और चंडीगढ़ की तरह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ लद्दाख क्रिकेट एसोसिएशन बना सकती है। यदि ऐसा होता है कि फिर अगले कुछ सालों में लद्दाख की भी रणजी टीम आपको घरेलू मैच खेलते दिखेगी।
इसके लिए कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले से ही लड़ाई लड़ रहे हैं कि उन्हें बीसीसीआइ से स्टेट एसोसिएशन बनाने की मान्यता मिले। कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तो दशकों पुराने हो गए हैं, बावजूद इसके वे अभी तक अपनी राज्य की टीम को रणजी ट्रॉफी में खेलने की मान्यता बीसीसीआइ से नहीं दिला पाए हैं। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को साल 1970 में ही बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त हुई थी।
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