नई दिल्ली: इंडियन क्रिकेट ने अपने प्रशंसकों को जश्न मनाने के सैकड़ों अवसर दिए हैं, किन्तु कुछ ऐसी घटनाएं भी हैं, जो दिल दहला देने वाली थीं. ऐसी ही एक घटना रमन लांबा से संबंधित है, जिसे यादकर हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं. आज (2 जनवरी) उसी डैशिंग क्रिकेटर की जयंती है. आज ही के दिन 1960 में रमन लांबा का जन्म हुआ था. उन्होंने भारत के लिए चार टेस्ट और 32 वनडे मुकाबले खेले थे.
रमन लांबा एक आक्रामक रवैए के बल्लेबाज थे. उन्होंने 1986 में अंतरराष्ट्रीय करियर में शानदार आगाज़ किया था. लेकिन नियति ने महज 38 साल की आयु में इस खिलाड़ी को भारतीय क्रिकेट से छीन लिया. इस जुनूनी क्रिकेटर ने क्रिकेट के मैदान पर खेलते हुए दम तोड़ा था. उनकी मौत स्वाभाविक नहीं थी. क्षेत्ररक्षण करने के दौरान सिर में चोट लगने की वजह से उनकी जान चली गई थी.
रमन लांबा 20 फरवरी, 1998 को ढाका में बांग्लादेश के क्रिकेट क्लब अबाहानी क्रइरा चाकरा की तरफ से खेल रहे थे. क्लब का मुकाबला मोहम्माडन स्पोर्टिग से था. लांबा फील्डिंग के वक़्त बल्लेबाज के बेहद पास कैचिंग पोजीशन में खड़े थे. बल्लेबाज ने तेज शॉट लगाया. गेंद सीधे रमन लांबा के सिर पर लगी, जिन्होंने उस समय हेलमेट नहीं पहना हुआ था. उन्हें फ़ौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया. किन्तु चोट इतनी गहरी थी कि उनकी जान बचाई नहीं जा सकी. अस्पताल में तीसरे दिन उनका देहांत हो गया.
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