विशेष ओलंपिक में दो स्वर्ण अपने नाम करने वाला लुधियाना के गांव सियाड़ राड़ा साहिब का साइकिलिस्ट राजबीर सिंह गुमनामी की जिंदगी व्यतीत करने को मजबूर है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से सम्मान पाने वाले इस प्लेयर की पंजाब सरकार ने कभी कोई जानकारी नहीं ली. और उसको सम्पूर्ण सम्मान राशि और ना ही कोई नौकरी प्रदान की. हालांकि केंद्र सरकार अपना वादा पूरा कर चुकी है.
यह कहना है अमेरिका में भारत का नाम रौशन करने वाले राजबीर सिंह के पिता बलबीर सिंह का. राजमिस्त्री का कार्य करने वाले बलबीर सिंह ने अपने बयान में बताया कि राजबीर ने पहले पंजाब, फिर राष्ट्रीय स्तर पर चेन्नई, जयपुर व भोपाल में साइकिलिंग में दो स्वर्ण पदक हासिल किये थे. साल 2015 में अमेरिका में हुई विशेष ओलंपिक समर वर्ल्ड स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में 100 मीटर व 400 मीटर में दो स्वर्ण जीते थे. इस जीत पर उस वक़्त अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राजबीर सिंह को सम्मानित किया था.
वही जब विजेता खिलाड़ी अमेरिका से वापस लौटा था, तो मलौद में उसका भव्य स्वागत हुआ था. और तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल ने उसको पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था. इस राशि के लिए उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़े, तब कही जाकर उन्हें 51 हजार रुपए मिले थे. पंरतु उसके पश्चात् कुछ भी नहीं मिला. बीते साल राजबीर को पुरस्कार राशि ना मिलने का मामला उठा, तो सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर उनको शेष राशि और नौकरी देने की बात कही थी. अब इसको भी एक साल बीत चुका है. परन्तु ना तो शेष राशि प्राप्त हुई, ओर नाही नौकरी मिल पाई.
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