नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था "गंभीर संकट" में है और आरोप लगाया कि "भाजपा के तथाकथित डॉक्टरों" को कोई परवाह नहीं है। चिदंबरम ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के "2023-24 में अर्थव्यवस्था के मजबूत स्थिति में होने" के दावे पर सवाल उठाया।
चिदंबरम ने शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में 31 प्रतिशत की गिरावट का हवाला दिया, जो उनके अनुसार, "विश्वास का एक उपाय" है। जो विदेशी निवेशकों के पास एक देश, सरकार और उसकी नीतियों में है। चिदंबरम ने कहा कि, “भाजपा खुद को प्रमाण पत्र देती है। अच्छा प्रमाणपत्र विदेशी और भारतीय निवेशकों से आना चाहिए।” उन्होंने कहा कि “ब्याज दरें ऊंची हैं, वास्तविक मजदूरी स्थिर है, बेरोजगारी बढ़ रही है और घरेलू खपत गिर रही है। ये गंभीर संकट में फंसी अर्थव्यवस्था के निश्चित संकेत हैं। लेकिन भाजपा के तथाकथित डॉक्टर न तो समझते हैं और न ही परवाह करते हैं।''
कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा कि भारतीय निवेशकों ने पिछले तीन वर्षों के दौरान भाजपा सरकार की नीतियों पर कोई भरोसा नहीं जताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि, "यही कारण है कि वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) को उन्हें डांटना पड़ा और जब वह विफल रही, तो उनसे अपना निवेश बढ़ाने के लिए विनती करनी पड़ी!" चिदंबरम ने आगे कहा कि विदेशी निवेशकों को भाजपा की "गलत नीतियों" और भारतीय अर्थव्यवस्था के "अक्षम प्रबंधन" का एहसास हो गया है।
उन्होंने कहा, "इसीलिए वे भारत से पैसा बाहर ले जा रहे हैं और देश में निवेश नहीं ला रहे हैं।" जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज कर रही है, जिसका दावा है कि वह खराब स्थिति में है।
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