नई दिल्ली: भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंग्ला ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 1962 के युद्ध के बाद से मौजूदा हालात को बेहद खराब करार दिया है। हर्षवर्धन श्रृंग्ला के इस बयान के कुछ घंटों बाद ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चाइनीज रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग के बीच रूस की राजधानी मॉस्को में बॉर्डर विवाद को सुलझाने के मुद्दे पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली में काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स की बैठक के दौरान भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंग्ला ने कहा कि ‘भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा, किन्तु बातचीत के जरिए विवाद के समाधान के लिए तैयार है।’ बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में हर्षवर्धन ने कहा कि ‘भारत चीन बॉर्डर पर 1962 के बाद से अभूतपूर्व हालात हैं। 1962 के बाद से ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी हैं। जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जो कि विगत 40 वर्षों में नहीं हुआ है। यह अभूतपूर्व स्थिति है।’
आपको बता दें कि राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंग शंघाई कॉ-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की मीटिंग में शामिल लेने रूस दौरे पर हैं। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच 2 घंटे 20 मिनट तक चर्चा हुई। इंडियन आर्मी द्वारा पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी इलाके में जब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा कर लिया गया तो गुरुवार को चीनी रक्षा मंत्री ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की इच्छा जाहिर की थी।
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