रियो ओलंपिक को खत्म हो गया है लेकिन कुछ भारतीय खिलाड़ियों के लिए रियो ओलिंपिक एक बुरे सपने से कम नहीं है. ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष गोल्फर एसएसपी चौरसिया के साथ भी कुछ ऐसा ही घटित हुआ जिसके कारण वो खुलकर मीडिया के सामने आये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि रियो ओलंपिक में खिलाड़ियों के साथ बहुत खराब व्यवहार किया गया था. उन्होंने भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय को इसका जिम्मेदार माना है.
'वाहनों से लेकर किसी भी चीज में सही व्यवस्था नहीं की गई थी। वहां बहुत ठंड थी और बारिश भी हो रही थी लेकिन इन लोगों ने छाते या रेनकोट का इंतजाम भी नहीं किया था। एयरपोर्ट पर वाहन के लिए हमको चार घंटों तक इंतजार कराया गया जबकि लाहिरी को अपना इंतजाम करके ही आना पड़ा। हमे बहुत खराब लग रहा था। अब ओलंपिक में हिस्सा लेने से पहले हमे दो बार सोचना होगा।
हम इस चीज में और पड़ना नहीं चाहते क्योंकि हम आगे के कड़े लक्ष्य के लिए तैयारियों में व्यस्त रहना चाहते हैं। मेरे पास वो पत्र मौजूद है जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये चुकाने का वादा किया था लेकिन रियो ओलंपिक के बाद हमसे कहा गया कि इस रकम को घटाकर 15 लाख कर दिया गया है।' 16 खिताब जीत चुके लाहिड़ी को एक भी पैसा नहीं मिला है. चौरसिया के अनुसार उन्हें अभी तक सिर्फ 5.5 लाख रुपये ही मिले हैं.