गुहाटी : भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में तक़रीबन दो महीने पहले एनआरसी की नयी सूचि जारी होने के बाद से इस मामले में लगातार बहसबाजी होती आ रही है। लेकिन इन सब के बीच अब भारत सरकार ने पहली बार असम में अवैध तरीको से रह रहे रोहिंग्याओं को लेकर पहली बार एक बड़ा फैसला लिया है।
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दरअसल भारत सरकार ने हाल ही में यह फैसला लिया है कि वो असम में अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या मुस्लिमों को जल्द ही म्यांमार वापस भेज देगी। ये रोहिंग्या प्रवासी साल 2012 में पुलिस हिरासत में लिए गए थे और तब से ही असम के सिलचर जिले में स्थित केन्द्रीय कारागार में कैद थे। यह रोहिग्यों को देश से बहार भिजवाने का सरकार का पहला कदम है। यह जानकरी केन्द्रीय गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारीयों ने हाल ही में असम में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है।
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भारत सरकार के केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक इन रोहिंग्या मुस्लिमों को गुरूवार याने आज मणिपुर की मोरेह सीमा चौकी पर म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इन सभी रोहिंग्यों को 29 जुलाई, 2012 को विदेशी कानून के उल्लंघन के आरोप में असम में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक इन सभी युवकों की उम्र 26 से 32 वर्ष के बीच है।
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