नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार जनजातीय समाज के उत्थान के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है और अब विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी उन्हें बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2100 जनजातीय युवाओं को सेमीकंडक्टर चिप तकनीक में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है। भारत में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स स्थापित करने की योजना है, जिसके लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु द्वारा संचालित किया जाएगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय और IISc के बीच इस पर करार हुआ है। ओडिशा के जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उराँव और मध्य प्रदेश के उनके डिप्टी दुर्गादास उइके इस पहल का नेतृत्व करेंगे। प्रशिक्षण में 'सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन और कैरेक्टराइजेशन' शामिल होगा और इसका संचालन IISc के सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड इंजीनियरिंग द्वारा किया जाएगा।
इस योजना के तहत, अगले तीन वर्षों में 2500 छात्रों को बेसिक ट्रेनिंग और 600 छात्रों को एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी। जनजातीय समाज के छात्र जो इंजीनियरिंग की डिग्री रखते हैं, वे इस प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। सेमीकंडक्टर ट्रेनिंग के लिए 'इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी' मंत्रालय ने 6 नैनो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए हैं, जहां जनजातीय समाज का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। हालांकि सरकार के इन प्रयासों के बावजूद, विपक्षी दल मोदी सरकार पर 'दलित और जनजातीय विरोधी' होने का आरोप लगाते हैं और भ्रम फैलाते हैं।
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